बिहार से रितेश कुमार की कलम से मातृ दिवस पर हम केवल अपनी माँ की ही बात करें तो उचित नहीं होगा।हमारे देश में एक से एक ऐसी माँ पैदा हुई है ...
बिहार से रितेश कुमार की कलम से
मातृ दिवस पर हम केवल अपनी माँ की ही बात करें तो उचित नहीं होगा।हमारे देश में एक से एक ऐसी माँ पैदा हुई है जिसके कारनामों से भारत देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व इन माताओं के सामने बौना है। इसमें रानी लक्ष्मीबाई जो 1828 से 1859 तक अपने कारनामों से देश को चौंकाते रही।1831 से 1897 तक देश की पहली महिला शिक्षिका होने का गौरव प्राप्त हुआ।
सावित्रीबाई फुले को।1879 से 1949 तक "नाइटिगेल" की उपाधि से विभूषित रही पहली महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू। एक नाम गुरु तेगबहादुर जी की माता गुजरी का आता है।इसके त्याग और समर्पण की गाथा से पूरा पंजाबी इतिहास पटा पड़ा है।
भारत की एकमात्र अपाहिज पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को कौन भारतीय भूल सकता है। बिहार की धरहरा पान समाज की जया देवी पर्यावरण के लिए जानी-पहचानी जाती है।जया देवी एक बच्चे की तरह पेड़-पौधे को सींचती है। अंत में,दो और नाम है जो पिछले चार दिनों से हर भारतवासी के जुवा पर तैर रहा है।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का। इन दोनों की अगुवाई में आपरेशन सिन्दूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों,एयर डिफेन्स सिस्टम व रडार नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचाया है और आगे के लिए भी वो पूरी तरह से तैयार हो कर जी-जान से लगी हुई है।
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